heritage palaces of rajasthan
Speaking of amazing and unique forts of Rajasthan can forget. The mountains are made everything in the fortress several interesting facts. Great wall of China is a fortress than 100 kg of gunpowder cannon is kept running.
December 11, today is International Mountain Day. On this occasion, we are telling you about 10 such heritage settled on the mountains because of its juiciness favorite place for people to remain still.
1.Kumbhalgarh Fort
China has the longest wall in the world, but only a few of the titles are probably aware of the fact that the world's second longest wall is located in Rajasthan. It is supposed to be impenetrable wall Kumbhalgarh Fort in Rajasthan was formed to protect. Kumbhalgarh fort was built by the construction king Kumbha. The fort of Rajasthan is one of the six forts which are included in the list of World Heritage. All around the fort built by Akbar the Great King was trying to hit the wall, but could not distinguish. The thickness of the wall 10 so that the horse can race together. Beyond 1914 meters above sea level, the fort is built on the summit crest. Took 15 years to become.
Human sacrifice was in construction Associated with the construction of the wall of the fort is very interesting story. Its construction began in 1443. Indeed, the wall was being built so that they can be protected from opponents. But in the construction of the fort wall was not showing any signs of being closed. It is believed that the ultimate sacrifice there was a saint to the call of the goddess by the construction of the wall was completed. Sant said on the call of the goddess to be run on the hill where he sacrificed his right to stay there and to have a temple of the goddess. Right after this happened and he stopped a few kilometers long and was beheaded.
Fort shadow shadow of defeat just once Kumbhalgarh lost just once in their history suffered the Mughal army fortress by threatening to kill three women asked the way to log in. Women reported fearing a secret door, but then failed to go in the Mughal. Akbar's son Salim once again hoping to conquer the fort, but he also had to return empty-handed.
To push through the wall for cheating After a while, the king found out about the women he did push through three alive in the wall at the entrance to the fort. It was a message to the king that the people who play with the security of the state will have the same consequences.
दुनिया में सबसे लंबी दीवार का खिताब चीन के पास है लेकिन बहुत कम लोग ही शायद इस बात से वाकिफ हों कि दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार राजस्थान में स्थित है। यह दीवार राजस्थान के अभेद्य माने जाने वाले कुंभलगढ़ किले की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी। कुंभलगढ़ किले का निर्माण राजा कुंभा ने करवाया था। यह किला राजस्थान के उन 6 किलों में से एक है जो वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल हैं। इस किले के चारो तरफ बनी इस दीवार को भेदने की कोशिश महान राजा अकबर ने भी किया, लेकिन भेद न सके। इस दीवार की मोटाई इतनी है कि उस पर 10 घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं। यह किला 1,914 मीटर की ऊंचाई पर समुद्र स्तर से परे क्रेस्ट शिखर पर बनाया गया है। बनने में 15 साल लगे। निर्माण में दी गई थी नरबलि किले के दीवार की निर्माण से जुड़ी कहानी बहुत ही दिलचस्प है। 1443 में इसका निर्माण शुरू किया गया। दरअसल, इस दीवार का काम इसलिए करवाया जा रहा था ताकि विरोधियों से सुरक्षा हो सके। लेकिन किले के निर्माण में दीवार का बनना बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी। ऐसा माना जाता है कि अंतत: वहां की देवी के आह्वान पर एक संत की बलि दी गई फिर जाकर इस दीवार का निर्माण कार्य पूरा हो पाया। देवी के आह्वान पर संत ने कहा कि उसे पहाड़ी पर चलने दिया जाए और जहां वो रुके वहीं उनकी बलि चढ़ा दी जाए और वहां एक देवी का मंदिर बनाया जाए। ठीक ऐसा ही हुआ और वह कुछ किलोमीटर तक चलने के बाद रुक गया और उसका सिर धड़ से अलग कर दिया गया। सिर्फ एक बार छाया किले पर हार का साया कुंभलगढ़ को अपने इतिहास में सिर्फ एक बार हार का सामना करना पड़ा जब मुगल सेना ने किले की तीन महिलाओं को जान से मारने की धमकी देकर अंदर प्रवेश करने का रास्ता पूछा। महिलाओं ने डर से एक गुप्त द्वार बताया, लेकिन इसके बाद भी मुगल अंदर जाने में सफल नहीं हो पाए। एक बार फिर अकबर के बेटे सलीम ने भी इस किले पर फतह करने की सोची, लेकिन उसे भी खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। धोखा देने पर चुनवा दिया दीवार में कुछ समय बाद जब राजा को उस महिलाओं के बारे में पता चला तो उन्होंने तीनों को किले के द्वार पर दीवार में जिंदा चुनवा दिया। ऐसा कर राजा ने लोगों को यह संदेश दिया कि राज्य के सुरक्षा के साथ जो भी खिलवाड़ करेगा उसका यही अंजाम होगा।
2-Jaigarh Fort
100 kg and 50 kg shell powder, made from the shells pond Famous the world over for the king in Jaipur royals kept a gun, shells, which is 35 km from the city became a village pond. The pond is still present and quench the thirst of the people of the village have been. Jaigarh Fort built in 1726 AD by the Aravalli hills. The built the world's largest cannon in the fort is placed. Jaigarh Fort hilltop fort called the victory.
The most powerful and heavy cannon The world's largest cannon Dungr Jaigarh fort is laid at the door. From the end of the cannon barrel length is 31 feet 3 inches. The first test-firing of the cannon Jayban was run about 35 km from Jaipur chaksu falling ball pond had become a town.
Having a range of 35 kilometers to the cannon to fire the gun powder 100 kg was required. More weight because it has not moved out of the fort, nor was ever used in war. The cannon was run to test only once. It is said that at a distance of 30 kilometers south of Fort Pond was made of the test fire shells falling.
100 किलो बारूद और 50 किलो का गोला, इस तोप के गोले से बना तालाब राजा-रजवाड़े के लिए पूरी दुनिया में फेमस जयपुर में एक ऐसी तोप रखी हुई है, जिसके गोले से शहर से 35 किलोमीटर दूर एक गांव में तालाब बन गया। आज भी यह तालाब मौजूद है और गांव के लोगों की प्यास बुझा रहा है। अरावली की पहाड़ियों पर बना जयगढ़ दुर्ग 1726 ई. में निर्मित इस किले में विश्व की सबसे बड़ी तोप रखी हुई है। पहाड़ी पर बने जयगढ़ दुर्ग को जीत का किला भी कहा जाता है। सबसे ताकतवर और भारी तोप विश्व की सबसे बड़ी यह तोप जयगढ़ किले के डूंगर दरवाजे पर रखी है। तोप की नली से लेकर अंतिम छोर की लंबाई 31 फीट 3 इंच है। जब जयबाण तोप को पहली बार टेस्ट-फायरिंग के लिए चलाया गया था तो जयपुर से करीब 35 किमी दूर स्थित चाकसू नामक कस्बे में गोला गिरने से एक तालाब बन गया था। 35 किलोमीटर तक मार करने वाले इस तोप को एक बार फायर करने के लिए 100 किलो गन पाउडर की जरूरत होती थी। अधिक वजन के कारण इसे किले से बाहर नहीं ले जाया गया और न ही कभी युद्ध में इसका इस्तेमाल किया गया था। इस तोप को सिर्फ एक बार टेस्ट के लिए चलाया गया था। ऐसा कहा जाता है कि किले से दक्षिण की ओर 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तालाब उसी टेस्ट फायर के गोले के गिरने से बना था।
AMER FORT
If one were to match lighted match, "king" was the envy of beauty Amer Fort The castle its immensity, grandeur and beauty of the world is considered to be one of the few fortifications. Mavta lake-side entrance to the palace to see the magnificence of the root, it seems as though the diamonds and pearls on gold plates have given them up on the wall of stone. Its beauty was so tame that jealousy was the Mughal emperor Jahangir was also angry. It turned out to be the intention of Jahangir Nistenabut. To hide it, he did Mansingh was plaster on the walls of the palaces. Since the drawing slowly plaster walls are beginning to be uprooted.
The match was a match is lighted crystal palace Forty grand and artistic pieces of glass in the Orangery resting on pillars, walls and ceilings of- beautifully carved inlay boots lace-up has been used. Sheesh Mahal matches in this beautiful night time illumination on a stick like the Kindle are bright. Sheesh Mahal part was the place of residence of the king in the winter season.
माचिस की 1 तीली से हो जाता था रोशन, 'बादशाह' को भी थी सुंदरता से ईर्ष्या- आमेर किला यह महल अपनी विशालता, भव्यता और सुंदरता के कारण दुनिया के गिने-चुने दुर्गों में से एक माना जाता है। मावठा झील के किनारे बने इस महल के प्रवेश द्वार की भव्यता को देखकर ऐसा लगता है मानो सोने की प्लेट पर हीरे मोती जड़ दिए हों और उन्हें पत्थर की दीवार पर सजा दिया गया हो। इसकी सुंदरता इतनी थी कि ईर्ष्या वश मुगल बादशाह जहांगीर भी नाराज हो गया था। जहांगीर इसे निस्तेनाबूत करने के इरादे निकला। उससे छुपाने के लिए मानसिंह ने इन महलों की दीवारों पर प्लास्टर करवा दिया था। दीवारों पर बने चित्र धीरे-धीरे प्लास्टर उखड़ने से अब दिखाई देने लगे हैं। माचिस की एक तीली से रोशन हो जाता था यहां का शीश महल चालीस भव्य और कलात्मक खम्भों पर टिके शीशमहल में शीशे के टुकडों का दीवारों, अहातों और छतों पर उकेरे गए बेल-बूटों में खूबसूरती जड़ाई कर इस्तेमाल किया गया है। इस खूबसूरत शीश महल में रात्रि के समय माचिस की एक तीली भी जलाने पर दीपावली जैसी जगमग हो जाती हैं। शीश महल का यह हिस्सा सर्दियों के मौसम में राजा के निवास का स्थान होता था।
Mehrangarh Fort
The fort is built on 410 feet elevation, was built 500 years ago Forts of Rajasthan is famous for the way complete, but Mehrangarh Fort, Jodhpur popular attraction among people. In the fifteenth century, making it the huge fort on the hill, the field is located at a height of 410 feet. The fort is surrounded by a high wall eight doors and ten kilometers. Within the fort other magnificent palaces with marvelously carved doors and latticed windows. It did not escape the beauty of the sight of Hollywood directors, the movie The Dark Knight Rises shooting only to show the underground prison deemed it appropriate. The fort is seen at the beginning of the film.
मेहरानगढ़ किला 410 फीट ऊंचाई पर बना है यह किला, 500 साल पहले हुआ था निर्माण वैसे तो पूरा राजस्थान किलों के लिए फेमस है, लेकिन जोधपुर का पॉपुलर मेहरानगढ़ किला लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। पंद्रहवीं शताब्दी में बना यह विशाल किला पहाड़ी पर, मैदान से 410 फीट ऊंचाई पर स्थित है। यह किला आठ दरवाजों और दस किलोमीटर लंबी ऊंची दीवार से घिरा है। किले के अंदर कई दूसरे भव्य महल, अद्भुत नक्काशीदार दरवाज़े और जालीदार खिड़कियां हैं। इसकी खूबसूरती हॉलीवुड डायरेक्टर्स की नजरों से भी नहीं बच पाई, तभी उन्होंने मूवी दि डार्क नाइट राइसेस की शूटिंग में अंडरग्राउंड जेल दिखाने के लिए इसे उपयुक्त समझा। फिल्म की शुरुआत में ही यह किला देखने को मिलता है।
Gagron FORT
Bears witness to the tales of sacrifice, the fort, was one of thousands of women die Situated in Jhalawar district of Rajasthan fort is surrounded by water on all sides. Not only is it the foundation of the fort is not only in India. Due to its glorious history of the fort Gagron known. Hundreds of years ago, when the ruler of Malwa Hoshng ruler Shah lost Acldas drawn here by the hand of the Rajput women to protect themselves from enemies Johar (burnt) was made. Hundreds and hundreds of women had embraced death. The magnificent heritage UNESCO has included in the list of World Heritage.
त्याग की गाथाओं का साक्षी है यह किला, हजारों महिलाओं की हुई थी मौत राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्थित यह किला चारों ओर से पानी से घिरा हुआ है। यही नहीं यह भारत का एकमात्र ऐसा किला है जिसकी नींव नहीं है। गागरोन का किला अपने गौरवमयी इतिहास के कारण भी जाना जाता है। सैकड़ों साल पहले जब यहां के शासक अचलदास खींची मालवा के शासक होशंग शाह से हार गए थे तो यहां की राजपूत महिलाओं ने खुद को दुश्मनों से हाथ से बचाने के लिए जौहर (जिंदा जला दिया) कर दिया था। सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने मौत को गले लगा लिया था। इस शानदार धरोहर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में भी शामिल किया है।
Neemrana Fort
550 years ago, making the 10-storey fortress-cut mountain, above the swimming pool Neemrana Fort-Palace in the Aravalli hills is one of them. The fort was built almost 550 years ago, in the year 1464. Neemrana Fort-Palace resort being used as one of India's oldest historic buildings.
Very interesting story of creation 10 floors of the huge fortress built out of three acres Aravali Hills. That is why go up a hill to climb down into the palace are realized. Neemrana great impression of the interior decoration can be seen in the British era. Most of the rooms have their own balcony overlooking the surrounding grandeur provides complete. Even the green view of the fort you will get to the bathroom.
There are 50 rooms in the Palace of the 10-floor The resort has 50 rooms in total over ten floors. In 1986 it was transformed into a heritage resort. The conference is the latest in a palace overlooking the palace and court. There are many restaurants in the fortress built in the Palace instead. The Palace also has a swimming pool in the open. Hawa Mahal Palace and Amkhas to eat for breakfast, five castles, cassia, backwoods castle turret Holly pool and remain great. The fort is such that every step of the design is realized on the royal chic.
550 साल पहले पहाड़ को काटकर बना 10 मंजिला किला, ऊपर है स्विमिंग पूल अरावली की पहाडिय़ों पर स्थित नीमराना फोर्ट पैलेस उनमें से एक है। इस किले का निर्माण लगभग 550 साल पहले सन 1464 में हुआ था। नीमराना फोर्ट पैलेस रिसोर्ट के रूप में इस्तेमाल की जा रही भारत की सबसे पुरानी ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। निर्माण की कहानी बेहद दिलचस्प 10 मंजिलें इस विशाल किले को तीन एकड़ में अरावली पहाड़ी को काट कर बनाया गया है। यही कारण है कि इस महल में नीचे से ऊपर जाना किसी पहाड़ी पर चढ़ने का अहसास कराता है। नीमराना की भीतरी साज-सज्जा में काफी छाप अंग्रेजों के दौर की भी देखी जा सकती है। ज्यादातर कमरों की अपनी बालकनी है जो आसपास की भव्यता का पूरा नजारा प्रदान करती है। यहां तक की इस किले के बाथरूम से भी आपको हरे-भरे नजारे मिल जायेंगे। 10 मंजिल वाले इस पैलेस में हैं 50 कमरे दस मंजिलों पर कुल 50 कमरे इस रिसोर्ट में हैं। इसे 1986 में हेरिटेज रिसोर्ट के रूप में तब्दील कर दिया गया। यहां नजारा महल और दरबार महल में कॉन्फ्रेंस हाल है। पैलेस में बदले इस किले में कई रेस्तरां बने हैं। इस पैलेस में ओपन स्विमिंग पूल भी बना है। नाश्ते के लिए राजमहल व हवामहल तो खाने के लिए आमखास, पांच महल, अमलतास, अरण्य महल, होली कुंड व महा बुर्ज बने हुए हैं। इस किले की बनावट ऐसी है कि हर कदम पर शाही ठाठ का अहसास होता है।
Taragarh fort
This is the world's second 'Gibraltar', large king could not distinguish the fort Invasion, safety and the Taragarh Fort amazing piece of architecture. It is as if in Rajasthan's Ajmer Taragarh be calling us. It is famous for its glorious history. Taragarh fort of Ajmer is located on the highest mountain range in the year 1832 saw India's Governor-General William Bantik Pdha- out of his mouth, '' Oh, the world's second Gibraltar 'and the Mughal emperor Akbar Realizing its superiority to Ajmer his empire was the largest diocese made. Taragarh which is subject, he never lost a fight at the entrance to the fort.
1 thousand 885 feet high mountain fort is spread over two square miles. The elevation is so much that can be done from all the appearance of the fort. Its texture is looking at a very pleasant experience. See all across the deep valley on one side, on the other hand, three mountain chains, the third and fourth vertical drop and see the breathtaking view of the city of Ajmer is made.
What is Gibraltar Gibraltar at the southern end of Europe, the Mediterranean Sea is a self-governing British overseas territory. Gibraltar historically been an important base for the British Armed Forces and the Navy base. Gibraltar is surrounded by rocky peninsula. There are many natural caves.
100 has tasted the taste of victory in wars Fort around 14 turret guns on which the deposit was Mughals. These towers made the Taragarh Fort was invincible. Which is also subject to the Taragarh, he never lost a fight at the entrance to the fort. The fate of more than 100 wars witness fort changing according to the decisions of the battle field. Of particular significance was the fourteen towers Taragarh.
ये है दुनिया का दूसरा 'जिब्राल्टर', बड़े-बड़े शहंशाह भी न भेद पाए इस किले को आक्रमण, सुरक्षा और स्थापत्य का अद्भुत नमूना है तारागढ़ का किला। राजस्थान के अजमेर में जाने पर ऐसा लगता है मानो तारागढ़ हमें बुला रहा हो। यह अपने गौरवशाली इतिहास के लिए फेमस है। अजमेर की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला पर स्थित तारागढ़ दुर्ग को सन् 1832 में भारत के गवर्नर जनरल विलियम बैंटिक ने देखा तो उनके मुंह से निकल पड़ा- ''ओह दुनिया का दूसरा जिब्राल्टर'' और मुगल बादशाह अकबर ने तो इसकी श्रेष्ठता भांप कर अजमेर को अपने साम्राज्य का सबसे बड़ा सूबा बनाया था। तारागढ़ जिसके भी अधीन रहा, वह दुर्ग के द्वार पर कभी लड़ाई नहीं हारा। यह किला 1 हजार 885 फीट ऊंचे पर्वत शिखर पर दो वर्ग मील में फैला हुआ है। यह ऊंचाई इतनी ज्यादा है कि दूर-दूर से इस किले का दीदार किया जा सकता है। इसकी बनावट को देख बेहद सुखद अनुभव होता है। इसके चारो तरफ देखें तो एक ओर गहरी घाटी, दूसरी ओर लगातार तीन पर्वत शृंखलाएं, तीसरी ओर सीधी ढलान और चौथी ओर अजमेर शहर का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है। क्या है जिब्राल्टर जिब्राल्टर यूरोप के दक्षिणी छोर पर भूमध्य सागर के किनारे स्थित एक स्वशासी ब्रिटिश विदेशी क्षेत्र है। जिब्राल्टर ऐतिहासिक रूप से ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रहा है और नौसेना का एक आधार है। जिब्राल्टर चट्टानी प्रायद्वीप से घिरा हुआ है। यहां कई प्राकृतिक गुफाएं भी हैं। 100 से ज्यादा युद्धों में जीत का चख चुका है स्वाद किले के चारों तरफ 14 बुर्ज हैं जिन पर मुगलों ने तोपें जमा की थी। इन्हीं बुर्जों ने तारागढ़ किले को अजेय बना दिया था। इसलिए तारागढ़ जिसके भी अधीन रहा, वह दुर्ग के द्वार पर कभी लड़ाई नहीं हारा। 100 से ज्यादा युद्धों के साक्षी इस दुर्ग का भाग्य मैदानी लड़ाई के निर्णयों के अनुसार ही बदलता रहा। तारागढ़ के चौदह बुर्जों का विशेष महत्व था।
Chittorgarh Fort
The Rajasthan attract the world itself is hidden in the many interesting facts. The history of forts built thousands of years old. Chittorgarh Fort is one of those forts. The fort is also included in the World Heritage list. The fort is believed that about 5,000 years ago in Mahabharata character Bhima fort was built here. According to the historians, the fortress built by King Citrangd was built in the seventh century.
Chittorgarh Fort is considered one of the largest forts in India. It is spread over 700 acres. The land on the crest of the mountain at an altitude of 180 meters remains. It is believed that the Pandavas went out in search of the property's other brother Bhim way they met a yogi. The Yogi and the Philosopher's Stone asked Bhima. Yogi, demanding instead a fort that was created overnight.
With the help of his brothers Fort Bhim work force and had almost finished it, it was just a little work left. Has generated so much fraud in the mind of the yogi see. He early morning to the sound of the rooster crows called from Yeti. Considering the construction stops Bhim morning and do not have the Philosopher's Stone. Bhima was furious after hearing the cock crow and smashed it on the ground a kick from anger. Where there is a large reservoir was kicked by Bhima. Today the 'Bimlat' is known.
वीर ने मारी थी लात और बन गया एक बड़ा तालाब! पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करने वाला राजस्थान खुद में कई रोचक तथ्य छुपाए हुए है। यहां पर बने किलों का इतिहास हजारों साल पुराना है। उन्हीं किलों में से एक है चित्तौडगढ का किला। यह किला विश्व धरोहर की सूची में भी शामिल है। इस किले के बारे में माना जाता है कि महाभारत के पात्र भीम ने यहां करीब 5000 वर्ष पूर्व एक किले का निर्माण करवाया था। वहीं इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण राजा चित्रांगद द्वारा सातवीं शताब्दी में करवाया गया था। चित्तौडगढ का किला भारत के सभी किलों में सबसे बड़ा माना जाता है। यह 700 एकड़ में फैला हुआ है। यह धरती से 180 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ की शिखा पर बना हुआ है। माना जाता है कि पांडव के दूसरे भाई भीम जब संपत्ति की खोज में निकले तो रास्ते में उनकी एक योगी से मुलाकात हुई। उस योगी से भीम ने पारस पत्थर मांगा। इसके बदले में योगी ने एक ऐसे किले की मांग की जिसका निर्माण रातों-रात हुआ हो। भीम ने अपने बल और भाइयों की सहायता से किले का काम लगभग समाप्त कर ही दिया था, सिर्फ थोड़ा-सा कार्य शेष था। इतना देख योगी के मन में कपट उत्पन्न हो गया। उसने जल्दी सवेरा करने के लिए यति से मुर्गे की आवाज में बांग देने को कहा। जिससे भीम सवेरा समझकर निर्माण कार्य बंद कर दे और उसे पारस पत्थर नहीं देना पड़े। मुर्गे की बांग सुनते ही भीम को क्रोध आया और उसने क्रोध से अपनी एक लात जमीन पर दे मारी। जहां भीम ने लात मारी वहां एक बड़ा सा जलाशय बन गया। आज इसे 'भीमलात' के नाम से जाना जाता है।
Jaisalmer Fort
Krishna was the first stone pit dug into the fort, had put the thirst of Arjuna Included in the UNESCO world heritage Jaisalmer Fort is famous for many characteristics. The fort has 99 turret cannon to release six of which were kept on the enemies. The cannon can be seen even today. Resembling the desert sand deep yellow stones miraculously without the aid is made by adding lime. It is the fundamental and unique feature. The fort around Sand (Desert) is surrounded by. 858 years standing in the desert fort, more than 1,200 homes in the Fort. The fort is linked to the story of Mahabharata. Says the 80-meter-high Trikut once Lord Krishna and Arjuna Arjuna then came over the hill so fast there was no trace of water when thirsty around Lord Krishna arrows hitting the water from the bore well dug Arjun stopped his thirst is still known as the Krishna basin. The enemy did not see the door to the fort Between two hundred and fifty feet high and 30 feet tall vast desert fort is surrounded by walls. The main entrance will see the texture is such that the enemy wherever it appears the main gate of the fort.
कृष्ण ने 1 तीर से इस किले में खोद डाला था कुआं, बुझाई थी अर्जुन की प्यास यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल जैसलमेर का किला कई विशेषताओं के लिए फेमस है। इस किले में 99 बुर्ज हैं जिन पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए तोप रखे जाते थे। आज भी ये तोप देखे जा सकते हैं। इसे रेगिस्तान की बालू रेत से मिलते-जुलते गहरे पीले रंग के पत्थरों को बिना चूने की सहायता के आश्चर्यजनक ढंग से जोड़कर बनाया गया है। यह अपने आप में मौलिक और अनूठी विशेषता है। यह किला चारों ओर से रेत (मरुस्थल) से घिरा हुआ है। 858 साल से रेगिस्तान में खड़ा है यह किला, इस किले में 1200 से ज्यादा घर हैं। इस किले से जुड़ी है महाभारत काल की कहानी। कहते हैं एक बार भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन यहां 80 मीटर ऊंची त्रिकुट पहाड़ी पर आये तब अर्जुन को बहुत तेज की प्यास लगी चारों तरफ पानी का नामोनिशान भी नहीं था तब भगवान श्रीकृष्ण ने तीर का प्रहार कर यहां पाताल तोड़ कुआं खोद दिया जिसके पानी से अर्जुन ने अपनी प्यास बुझाई आज भी यह कृष्ण कुण्ड के नाम से विख्यात है। दुश्मन को नहीं दिखता था इस किले का द्वार ढाई सौ फीट उंचे और विशाल रेगिस्तान के बीच 30 फीट उंची दीवारों से घिरा है यह किला। इसके मुख्य द्वार की बनावट ऐसी है कि दुश्मन चाहे कहीं से भी देख ले उसे किले का मुख्य द्वार नहीं दिखाई देता।
Nagaur fort
The fort has witnessed many battles Came into existence in the fourth century fort forts of Rajasthan like other is located on top of the highest hill. The fort has witnessed many battles fought in the bygone era. Best of Rajasthan fort built on flat land is famous for its high walls and spacious premises. Three beautiful palace inside the fort Hadi Rani Mahal, Sheesh Mahal and Badal Mahal which are renowned for their beautiful frescoes. The nearby mosque, which was built by the Mughal Emperor Akbar.
कई लड़ाईयों का गवाह रह चुका है यह किला चौथी शताब्दी में अस्तित्व में आया यह किला राजस्थान के अन्य किलों की तरह ही ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह किला बीते युग में लड़े गए कई लड़ाईयों का गवाह है। यह राजस्थान का सबसे अच्छा सपाट भूमि पर बना किला है जो अपनी ऊंची दीवारों और विशाल परिसर के लिए प्रसिद्ध है। किले के भीतर तीन सुंदर पैलेस हाडी रानी महल, शीश महल और बादल महल हैं, जो अपने सुंदर भित्ति चित्रों के कारण प्रसिद्ध हैं। इनके समीप ही एक मस्जिद है, जिसे मुगल शासक अकबर ने बनवाया था।