Rampal's supporters clash with police
अवमानना के मामले में कोर्ट में उपस्थित न होकर हरियाणा सरकार के लिए चुनौती बने बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने में नाकाम रही पुलिस ने बुधवार को एक बार फिर अपना अभियान शुरू किया। मंगलवार को 45 हजार सुरक्षा बलों और रामपाल के समर्थकों के बीच चले 6 घंटे के संघर्ष के बावजूद रामपाल को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। उधर, बुधवार को आश्रम से 4 शव बाहर निकाले गए। आश्रम प्रबंधन का दावा है कि इन लोगों की मौत पुलिस की कार्रवाई में हुई है, वहीं पुलिस ने इस बात से इनकार किया है। बता दें कि बरवाला स्थित सतलोक आश्रम पर धावा बोलने पहुंची पुलिस पर रामपाल के अनुयायियों ने मंगलवार को जबर्दस्त हमला किया था। बाबा की फौज छतों-दीवारों पर से और सीआरपीएफ, आरएएफ व राज्य पुलिस के जवान बाहर से एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा लिए रहे। दोनों ओर से 200 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। पुलिस आश्रम की केवल बाहरी दो दीवारों को ही गिरा पाई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब वे दीवार गिराकर अंदर घुसे तो पाया कि संत समर्थकों ने सिलेंडरों की कतारें खड़ी कर रखी हैं। अंधेरा होने पर पुलिस ने शाम को ऑपरेशन रोक दिया।
आश्रम प्रवक्ता का दावा- 5 महिला साधकों समेत 8 की मौत आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर ने दावा किया है कि 5 महिला साधकों सहित 8 लोगों की मौत हुई है। लेकिन डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने कहा,"हमारी कार्रवाई में कोई मौत नहीं हुई।" घायलों को बरवाला, हिसार और अग्रोहा के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। 125 के करीब पुलिस जवान भी घायल हुए हैं। 9 को गोली लगी, एक एसएचओ की गर्दन में। 76 की हालत गंभीर है। घायलों में सिपाही से लेकर डीएसपी रैंक के अफसर भी हैं। करीब 30 पत्रकार-फोटोग्राफर जख्मी हुए हैं।
6 घंटे की खूनी झड़प में 90 राउंड फायर आश्रम के भीतर से पुलिस के मुताबिक, हथियारों से लैस कमांडोज सहित आश्रम में 15 से 20 हजार लोग हैं। मंगलवार को पुलिस ने पहले सुबह 11.30 बजे आश्रम खाली करने की चेतावनी दी। फिर करीब 12 बजे सुरक्षा बल के जवान जैसे ही आश्रम की ओर बढ़े, भीतर से गोलीबारी शुरू हो गई। देखते ही देखते पेट्रोल बम, पत्थर, आंसू गैस के गोले और तेजाब के पाउच भी चलने लगे। बाबा के सैकड़ों निजी कमांडोज ने जवानों पर सीधी फायरिंग की। शाम पांच बजे तक वे करीब 90 राउंड फायर कर चुके थे। इतना ही नहीं, पेट्रोल और डीजल फेंक कर पुलिसकर्मियों को जलाने की कोशिश भी की गई।
समर्थकों ने जलाई जेसीबी मशीन दीवार गिराने आगे बढ़ी जेसीबी मशीन को अनुयायियों ने पहले पेट्रोल बम फेंककर आग लगाई और फिर पेट्रोल से भरी बाल्टी फेंक कर जला दिया। संत के समर्थक भारी पड़ने लगे तो पुलिस ने भी शुरू की जवाबी कार्रवाई। पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले छोड़े। पत्थर के जवाब में पत्थर बरसाए। पानी की बौछारों से मेन गेट पर बैठी महिलाओं को खदेड़ने की कोशिश की। वे नहीं हटीं तो लाठीचार्ज किया गया। लगभग शाम चार बजे पुलिस ने आधे घंटे का वक्त देते हुए आश्रम खाली करने की दोबारा चेतावनी दी। इसका भी उग्र समर्थकों पर कोई असर नहीं हुआ। रात में भी पुलिस ने आश्रम को घेरे रखा।
आत्मदाह की कोशिश करने वाली दो महिलाएं बाहर आईं शाम को आश्रम से बाहर दो महिला साधक झुलसी अवस्था में बाहर आईं। उनका चेहरा व हाथ झुलसा हुआ था। इनकी पहचान दिल्ली निवासी निर्मला देवी और अहमदाबाद निवासी गीता देवी के रूप में हुई है। दोनों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने खुद पर डीजल छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास किया।
आश्रम का दावा-गोली नहीं चलाई आश्रम के प्रवक्ता राजकपूर ने कहा कि आश्रम की तरफ से एक भी गोली नहीं चलाई गई। पुलिस ने बम फोड़े हैं। उनके एक हजार से अधिक साधक घायल हुए हैं, जो फिलहाल आश्रम में हैं। उन्होंने कहा कि अब प्रशासन से कोई बात नहीं होगी। उन्होंने पांच महिला साधकों की मौत का दावा किया। कहा-उनके शव आश्रम में रखे हैं। राजकपूर ने फिर दावा किया कि संत रामपाल आश्रम में नहीं हैं।
केंद्रीय दखल- रिपोर्ट तलब इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूरे प्रकरण पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। केंद्र सरकार हरियाणा को और पुलिस बल देने को तैयार है। रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर अर्धसैनिक बलों के 20 हजार जवान पहले से तैनात हैं। वहीं, मीडियाकर्मियों पर लाठी बरसाने और उनके कैमरे तोड़ने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने भी डीजीपी से ब्योरा मांगा है।
क्यों आई यह नौबत अवमानना मामले में गैर जमानती वारंट के बावजूद सतलोक आश्रम के संचालक बाबा रामपाल को दो तारीखों (10 आैर 17 नवंबर) पर नहीं पेश किए जाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने अब 21 नवंबर को बाबा को पेश करने के लिए कहा है।
क्यों जारी हुआ है गैर जमानती वारंट 12 जुलाई, 2006 को हरियाणा के रोहतक के करौंथा में बाबा रामपाल द्वारा संचालित सतलोक आश्रम के बाहर जमा भीड़ पर हुई फायरिंग में झज्जर के एक युवक की मौत हो गई थी। मृतक के भाई का कहना है कि गोली आश्रम की ओर से चली थी। इस मामले में बाबा रामपाल और उनके 37 समर्थकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। करौंथा स्थित सतलोक आश्रम का स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे थे। इसी मुद्दे पर 12 मई, 2013 को करौथा में पुलिस व ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई थी। 14 मई, 2013 को पुलिस ने आश्रम खाली कराया। संत रामपाल बरवाला स्थित आश्रम में चले गए। करौंथा आश्रम को प्रशासन ने कब्जे में ले लिया। इन्हीं मामलों में बाबा रामपाल और उनके अनुयायियों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। रामपाल की पेशी से छूट खत्म होने के बाद हिसार कोर्ट में 14 मई, 2014 को उनकी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई। सुनवाई के दिन समर्थकों ने कोर्ट परिसर में घुसकर बवाल काटा। वकीलों से हाथापाई की और जजों के खिलाफ नारेबाजी भी की। हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया। उनको पेश होने का आदेश दिया गया। कई सुनवाई पर बाबा पेश नहीं हुए तो अदालत ने रामपाल और उनके अनुयायी व सेवा समिति के अध्यक्ष रामकुमार ढाका के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। ढाका पेश हो चुके हैं, उन्हें जमानत भी मिल गई है।
Baba Rampal challenged haryana police at hisar
In the case of contempt of court appearance challenged the state government has failed to arrest Baba Rampal police on Wednesday began its operation once again. On Tuesday, 45 thousand out of 6 hours between security forces and supporters of Rampal Rampal despite the conflict could not be arrested. The four bodies were taken out of the ashram on Wednesday. Ashram management claims that these deaths occurred in the police action, the police denied this.
Despite the non-bailable warrant for contempt of court for not being challenged by the Haryana government Satlok Ashram (Hisar), the operator has failed to arrest Baba Rampal said Wednesday that police will not hold until Baba, the campaign will continue until then. Including treason against Rampal is filed under sections. Haryana DGP SN Vasishta said in a press conference that the current phase of the operation of the home supporters will be pulled from within Rampal. They clash on Tuesday confirmed the death of five women and one child. However, his death being talked about in the police action. He is accused in the ashram Rampal, but due to the presence of ten to fifteen thousand innocent people, our first priority is to save them. He said that ten thousand people have been thrown out and about five thousand people left out.