Sant Rampal in Satlok Ashram Hishar
करौंथा आश्रम के संचालक रामपाल दास कभी हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में बतौर जूनियर इंजीनियर कार्यरत थे। नौकरी में लापरवाहियों के चलते इन्हें सरकार द्वारा वर्ष 2000 में इन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद रामपाल दास संत रामपाल बने। आज इनके नाम पर दर्जनों आश्रम और लाखों की तादात में सर्मथक हैं। हाल ही में 2006 के एक मामले में हाईकोर्ट ने संत रामपाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर 10 नवबंर तक पेश होने के निर्देश दिए थे। लेकिन आश्रम के बाहर भारी तादात में सर्मथकों की मौजूदगी के चलते पुलिस उनकी गिरफ्तारी करने में असमर्थ रही। अब ऐसी स्थिति में हाइकोर्ट ने पेशी से गैरहाजिर रहे संत रामपाल के केस में हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि 17 नवबंर को संत रामपाल को किसी भी सूरत में पेश करने के आदेश जारी किए हैं।
संत रामपाल का पूरा सफर सोनीपत जिला के धनाना गांव में 8 सितम्बर, 1951 को भगत नंदराम के घर में रामपाल का जन्म हुआ। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जेई की नौकरी मिल गई। लेकिन नौकरी में लापरवाहियों के चलते 16 मई, 2000 को इन्हें सरकार द्वारा बर्खास्तर कर दिया गया। इसके बाद रामपाल की मुलाकात 107 वर्षीय कबीर पंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई। रामपाल करीब 18 साल तक रामदेवानंद महाराज के साथ रहे। इसके बाद 1999 में रामपाल करौंथा में सतलोक आश्रम की स्थापना की। शुरूआत में पहली जून, 1999 से 7 जून, 1999 तक लगातार सप्ताह भर का सत्संग शुरू किया।
देखते-देखते कुछ ही वर्षों में इस आश्रम ने भव्य रूप ले लिया और यह कई एकड़ में फैल गया। इतना ही नहीं, हिसार जिला के बरवाला के अलावा अन्य राज्यों में भी उन्होंने अपने आश्रम बना डाले। शुरूआत के कुछ वर्षों में तो सब सामान्य चला किंतु धीरे-धीरे करौंथा व साथ लगते गांवों के लोगों खासकर आर्यसमाजियों ने रामपाल द्वारा किए जा रहे प्रचार पर आपत्ति जतानी शुरू कर दी।
जाने क्या है पूरा मामला साल 2006 में संत रामपाल के हिसार के सतलोक आश्रम में जमीन को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद में एक शख्स की हत्या हो गई थी। रामपाल समर्थकों ने हिसार कोर्ट में भी हंगामा किया था, जिसके बाद पुलिस ने बाबा और उनके सर्मथकों पर केस दर्ज कर लिया। मामला हाईकोर्ट पहुंचा। कोर्ट के बार-बार बुलाने के बाद भी रामपाल कोई न कोई बहाना बनाकर पेश होने से बचते रहे हैं। इसके बाद 2013 में फिर करोनथा गांव में आश्रम पर कब्जे को लेकर काफी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर घुस गए। यहां हुई झड़प में दो लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हुए थे। कोर्ट-कोर्ट के बार नोटिस भेजने के बावजूद वो निजी तौर पर हाजिर नहीं हो रहे हैं। उस पर उनके समर्थक बेतुकी दलील दे रहे हैं कि वो बाबा की हिफाजत के लिए चंडीगढ़ में जमा हुए थे।
पांच दिन से सतलोक आश्रम के बाहर पुलिस और भीतर रामपाल के अनुयायियों की घेराबंदी आखिर सोमवार देर शाम ढीली पड़ गई। अब दोनों पक्ष 17 तारीख की तैयारियों में जुट गए हैं। इससे पहले पुलिस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद आश्रम के संचालक संत रामपाल को गिरफ्तार नहीं कर पाई। तीन दिन तक हिसार में डेरा डालने के बाद पैरा मिलिट्री फोर्स और हरियाणा पुलिस के जवान सुबह 8 बजे बरवाला के लिए रवाना हुए, मगर उनके कदम बरवाला थाने में जाकर रुक गए।
संत रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर आधा दर्जन कंपनियों के जवान दिनभर बरवाला थाना परिसर में पुलिस कप्तान सतेंद्र कुमार गुप्ता के आदेश का इंतजार करते रहे। वहीं कप्तान गुप्ता अधीनस्थ अधिकारियों के साथ डीएसपी दफ्तर में अपने उच्चाधिकारियों के आदेश की बाट जोहते रहे। आखिरकार रात सात बजे फोर्स बैरंग हिसार लौट आई।
दूसरी तरफ संत के अनुयायियों की फौज रोजाना की तरह आश्रम के बाहर और भीतर डटी रही। संत के निजी कमांडो हथियारों और लाठियों के साथ आश्रम के बाहर तैनात रहे। पुलिस फोर्स के बरवाला पहुंचने के बाद अनुयायियों की संख्या बढ़ने लगी। दिनभर संत के साधकों से भरी बसों का आवागमन जारी रहा। भारी तादात में महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चाें के साथ दिनभर आश्रम के बाहर जमीन पर बैठी रहीं। इनकी संख्या रविवार के मुकाबले में ज्यादा थीं।
पुलिस को मिली नई चुनौती हाईकोर्ट के ताजा आदेश के तहत हरियाणा पुलिस को संत रामपाल को गिरफ्तार करके 17 नवंबर को पेश करना है। ऐसे में पुलिस की चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है।
समय के साथ बदलता रहा पुलिस का रूख सुबह से शाम होते होते संत रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रशासन का रूख बदलता गया। सुबह एसपी सतेन्द्र कुमार गुप्ता ने रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर कहा हर कीमत पर कोर्ट के आदेश की पालना की जाएगी। रामपाल को गिरफ्तार किया जाएगा। वहीं कोर्ट में रामपाल की स्वास्थ रिपोर्ट जाने के बाद कोर्ट के नए आदेश के बाद पुलिस प्रशासन के सुर बदल गए। बाद में एसपी ने कहा कि आश्रम की सभी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
नए आदेश की पालना होगी : एसपी पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के नए आदेश की पालना की जाएगी। इसके लिए आश्रम की स्थितियों पर नजर रखी जा रही है।