New Bollywood Movie 'Kill Dill'
Genre: एक्शन, ड्रामा Director: शाद अली'GUNDE' as the beginning of the year once again the actor Ranveer Singh 'Kill heart are with the screen. Film director Shaad Ali are back after seven years. However, Govinda villains are introduced as a new shift. The 'Kill heart "is very special film.
Story of 'Kill Dill':
Bhaiyyaji (Govinda) is the relationship between the world of crime. She has two children Dev (Ranveer Singh) and Tutu (Ali Jaffer) from a pile of garbage is picked up and brings his upbringing. Bhaiyyaji Dev Tutu also brings into the world of crime. Bhaiyyaji takes nut to kill people and to execute the work God and Tutu. Crime has become the world's sharpest shooter. Is a game for them to kill people. One day at a time, are both. There that direction (Parineeti Chopra) see dance. Dev is in love with at first sight from the side and he has determined to bring her life. However, it is not easy for him to leave the world of crime. Bhaiyyaji Tutu to know God understands that this will be so good, but God does not listen to anyone. The film is brilliant twist. What happens next in the film, it will go to theaters to see you.
Acting in 'Kill Dill':
As far as acting is concerned, acting in their own Govinda is formed. Govinda, who played the role of hero-villain so far as there are plenty chord. Not only can dance a villain in the film, it is also said Govinda. On the other hand, Ranveer Singh has performed the role well. So far bubbly acting is fairly new to this part of the Ranvir. Jaffer Ali thereby complete justice to their respective roles have been. All in all, the movie is good acting.
Direction of 'Kill Dill':
'Saathiya', 'Bunty Aur Babli', 'Jhoom Barabar Jhoom' different concepts, such as film director Shaad Ali, who has brought something new to the screen once again. However, the story is very old concept. There are many movies in the 90s, the hero love story whose sin the way to get to leave. The story is not new, but the way Shad has shot and put the twist in the story, it seems that something is different.
Music of 'Kill Dill':
The film has music by Shankar-Ehsan-Loy, which is somewhat different. Movie songs' Swita 'Nkrile' Sjde ',' Kill the heart, '' speaking Belia 'and' Happy Bdde "there were already people liked. Music of the film's songs, so the people can dance. The best part of the film could be called music.
why 'Kill Dill'
Have reason to see the film filmmaker. Fans of the actor that he would like to see them as villains, they can see the movie. On the other hand, Ranbir "goons" are seen in the film. However, "Finding Fanny" He had cameo role. Anyway this is his last film of the year. In the film drama, action will also hear good songs. What more should the viewer.
'गुंडे' बनकर साल की शुरुआत करने वाले अभिनेता रणवीर सिंह एक बार फिर 'किल दिल' के साथ पर्दे पर हैं। फिल्म के डायरेक्टर शाद अली पूरे सात साल बाद वापसी कर रहे हैं। वहीं, गोविंदा विलेन के तौर पर अपनी नई पारी शुरू कर रहे हैं। ऐसे में 'किल दिल' बहुत खास फिल्म हो जाती है।
कहानी: भैयाजी (गोविंदा) का रिश्ता क्राइम की दुनिया से होता है। वो दो बच्चे देव (रणवीर सिंह) और टूटू (अली जाफर) को कचरे के एक ढेर से उठाकर लाता है और उनकी परवरिश करता है। भैयाजी देव और टूटू को भी गुनाह की दुनिया में ले आता है। भैयाजी लोगों को मारने की सुपारी लेता है और इस काम को देव और टूटू अंजाम देते हैं। दोनों क्राइम वर्ल्ड के शार्प शूटर बन जाते हैं। लोगों को मारना उनके लिए एक खेल हो जाता है। एक दिन दोनों एक बार में जाते हैं। वहां वो दिशा (परिणीति चोपड़ा) को नाचते हुए देखते हैं। देव को दिशा से पहली नजर वाला प्यार हो जाता है और वो उसे अपनी जिंदगी में लाने का मन बना लेता है। हालांकि, गुनाह की दुनिया को छोड़कर आना उसके लिए आसान नहीं होता। टूटू देव को समझता है कि इस बात का पता भैयाजी को चलेगा तो अच्छा नहीं होगा, लेकिन देव किसी की बात नहीं सुनता है। यहां से फिल्म में शानदार मोड़ आ जाता है। फिल्म में आगे क्या होता है, यह जानने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाना होगा।
एक्टिंग: जहां तक एक्टिंग के बात है, तो गोविंदा ने अपनी पहचान एक्टिंग की दम पर ही बनाई है। अब तक हीरो का रोल निभाने वाले गोविंदा विलेन के तौर पर भी खूब जंच रहे हैं। इतना ही नहीं, एक विलेन फिल्म में डांस भी कर सकता है, ये बात भी गोविंदा ने बताई है। दूसरी तरफ, रणवीर सिंह ने अपने किरदार को बखूबी अंजाम दिया है। अब तक चुलबुली एक्टिंग करने वाले रणवीर के लिए ये किरदार काफी नया रहा है। परिणीति और अली जाफर ने भी अपने-अपने किरदार के साथ पूरा इंसाफ किया है। कुल मिलाकर फिल्म में सभी की एक्टिंग अच्छी रही है।
डायरेक्शन: 'साथिया', 'बंटी और बबली', 'झूम बराबर झूम' जैसी अलग कॉन्सेप्ट की फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर शाद अली एक बार फिर पर्दे पर कुछ नया लेकर आए हैं। हालांकि, कहानी का कॉन्सेप्ट काफी पुराना है। 90 के दशक में ऐसी कई फिल्में आई हैं, जिनकी कहानी में हीरो प्यार को पाने के लिए गुनाह का रास्ता छोड़ना चाहता है। ऐसे में कहानी में नयापन नहीं है, लेकिन शाद ने जिस तरह फिल्मांकन किया है और कहानी में तड़का लगाया है, उससे ये कुछ अलग नजर आती है।
म्यूजिक: फिल्म में म्यूजिक शंकर-एहसान-लॉय ने दिया है, जो कुछ अलग तरह का है। फिल्म के गाने 'स्वीटा', 'नखरीले', 'सजदे', 'किल दिल', 'बोल बेलिया' और 'हैप्पी बड्डे' पहले ही लोगों को काफी पसंद आ चुके थे। फिल्म के कुछ गाने का म्यूजिक ऐसा है, जिस पर लोग डांस भी कर सकते हैं। यानी म्यूजिक को फिल्म का बेस्ट पार्ट कहा जा सकता है।
क्यों देखें: फिल्म देखने की बड़ी वजह हीरो-हीरोइन होते हैं। ऐसे में गोविंदा के वो फैन्स जो उन्हें विलेन के तौर पर देखना चाहते हैं, ये फिल्म देख सकते हैं। दूसरी तरफ, रणवीर 'गुंडे' के बाद किसी फिल्म में नजर आ रहे हैं। हालांकि, 'फाइंडिंग फैनी' में उन्होंने केमियो रोल किया था। वैसे भी ये इस साल की उनकी आखिरी फिल्म है। फिल्म में ड्रामा, एक्शन के साथ अच्छे गाने सुनने को भी मिलेंगे। एक दर्शक को इससे ज्यादा और क्या चाहिए।